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हमास-इसराइल युद्ध विराम और इस्राइली बंधकों पर बातचीत:

हमास के प्रतिनिधियों और इसराइल के प्रतिनिधियों में काहिरा में बातचीत से कोई हल निकलने की कोशिस हो रही थी किन्तु सूत्रों के अनुसार ये वार्ता भी सफल नहीं हो पा रही है क्योकि इसराइल अपने बंधकों को सकुशल वापस चाहता है जबकि हमास की और से अभी तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया जा सका है, वार्ताओं के बार बार असफल होने का कारण इस्राइली बंधकों का सकुशल वापस आना ही है, जिसमें देरी हो रही है.  इसके साथ ही ग़ज़ा की और से इस्राइली सुरक्षा चौकियों पर रॉकेट से हमले किये गए जिसमें दस से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है. 


ईरान का इसराइल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला 

ईरान ने इसराइल पर दागे 300 से अधिक मिसाइल और ड्रोन, किन्तु इसराइल के आयरन डोम को भेदने में रहे नाकाम, कुछ ड्रोन्स को US और ब्रिटेन के फाइटर जेट्स जो उस एरिया में तैनात हैं, ने मार गिराया। इस तरह ईरान का हमला लगभग 99 % फेल हो गया.  


क्योकि ईरान का ये हमला लगभग वैसा ही था जैसा फिलिस्तीन की धरती से हमास ने किया था, इसलिए इसराइल को ईरान के हमले को लगभग फेल करने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी..इसराइल के पास पहले से मौजूद टेक्नोलॉजी थी जिससे वह अपने देश के शहरों को बचने के लिए एंटी मिसाइल सिस्टम लगा रखे थे और जो बार बार प्रयोग होने की वजह से से और भी असरदार बनते जा रहे हैं. इस लिए जैसे ही इसराइल के आसमान में बाहरी दिशा से ड्रोन्स और मिसाइल आये तो सायरन बजने लगे और आयरन डोम एक्टिवेट हो गए साथ ही सिस्टम ने अपने एंटी मिसाइल दाग दिए जो आने वाली मिसाइलों को ढूंढ कर आकाश में ही खत्म कर दिए. 

मलेशिया में "रोजा" डंडे के जोर पर:

मलेशिया से रमजान के दौरान खबर निकल कर आ रही है, की मलेशिया की पुलिस मलेशिया के बाज़ारों में गश्त पर है और यदि कोई मुस्लिम रेस्टोरेंट में खाना खता हुआ पाया जाता है तो उस पर जुरमाना लगाया जा रहा है, यहाँ बता दें की मुस्लिम धर्म की आबादी यहाँ 63% के आसपास है. यदि कोई गैर मुस्लिम किसी मुस्लिम को रोजे दौरान खाना बेचता हुआ पकड़ा गया तो उस पर भी जुरमाना लगाया जाता है. 

मलेशिया में पिछले साल देश के मलक्का राज्य में 100 मुस्लिमों को बीच में रमजान तोड़ने पर गिरफ्तार किया गया था। जबकि साल 2022 में यह आंकड़ा 41 तक सीमित था। मलेशिया की आबादी करीब 3.4 करोड़ है, इनमें से करीब 2 करोड़ लोग मुस्लिम हैं। रमजान जैसे मौकों पर शरिया कानून का पालन करना जरूरी होता है।

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बराक ओबामा ने ISIS को पैदा किया: डोनाल्ड ट्रम्प सिस्टम 

साथ ही क्लिंटन को भी सह फाउंडर बताया क्योकी इन सभी के पीछे उसके द्वारा बनाई गयी पालिसी थी.


मास्को में हुए आतंकी विस्फोट के बाद इस तरह की घटनाओं के लिए बराक को जिम्मेदार ठहराया, जबकि ये सत्य नहीं है और न ही इसके पीछे कोई तथ्य है. 

मास्को अटैक: अज्ञात बंदूकधारियों ने अचानक मॉस्को कंसर्ट हाल में गोलियों की बौछार कर दी जिससे 133 लोगों की मौत हो गई तथा 100 से ज्यादा लोग घायल हो गयी.

अफगानिस्तान बेस्ड ISIS ने इसकी जिम्मेदारी ली है.

व्लादिमीर पुतिन ने कहा हमने 4 संदिग्धसमेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. जो उक्रेन की और भाग रहे थे.

लेकिन US नॅशनल सिक्योरिटी कौंसिल के प्रवक्ता ने कहा की हम जानते हैं इसमें यूक्रेन की कोई भूमिका नहीं है, बल्कि इसमें इस्लामिक स्टेट  की अफगानिस्तान इकाई का हाथ है और उन्होंने इसकी जिम्मेदारी भी ली है.

रसियन न्यूज़ के अनुसार हमला करने वाले आतंकी ताजीकिस्तान के रहने वाले थे और मुस्लिम थे जो अफगानिस्तान के सीमा के पास है.


पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री होंगें शाहबाज शरीफ जो की नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं.


नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ को पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) ने अपना PM उम्मीदवार चुना है, PPP (पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ) के बिलावल भुट्टो जरदारी ने सरक़ार  को बाहर से समर्थन देने का निर्णय लिया है इसके साथ ही नवाज ने अपनी पुत्री मरियम नवाज को पाकिस्तान की सबसे अधिक प्रभावी प्रोविंस पंजाब पाकिस्तान का मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय  लिया है.

अब देखना होगा पाकिस्तान में ये सरकार कितने दिन बिलावल भुट्टो की PPP (पाकिस्तान पीपल्स पार्टी) के  साथ साथ स्वतंत्र जीते हुए उम्मीदवारों के साथ और सबसे अधिक पाकिस्तान की सेना के साथ संतुलन बना पाती है.

यदि आंकड़ों को देखें तो इस बार स्वतंत्र उम्मीदवारों ने राजनैतिक पार्टियों से ज्यादा सीटें जीतीं है. अब स्वतंत्र उम्मीदवारों में  मंत्री पद की होड़ को किस तरह बॅलन्स करेंगें ये देखने वाली बात होगी।


पाकिस्तान जनादेश बिखरा बिखरा: जाने कौन बनेगा अगला वजीर ए आजम (PM)

जनता ने पोलिटिकल पार्टियों को वोट न दे कर, स्वतंत्र उम्मीदवारों पर अधिक भरोसा जताया। इलेक्शन कमीशन की मानें तो पाकिस्तान में इस बार 101 स्वतंत्र उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, जबकि बड़ी राजनैतिक पार्टियों में नवाज शरीफ की पार्टी ने 75 और बिलावल भुट्टो की पार्टी ने महज 54 सीटें ही जीती हैं. 

अब अगला खेल ये होगा कि ये स्वतंत्र उम्मीदवार खुद मिलजुल कर और किसी एक पार्टी को अपने साथ मिला लें जो मुमकिन नहीं है या ये पार्टियां इन स्वतंत्र उम्मीदवारों को अपनी और मिला कर सर्कार बना सकते हैं, पर सब कुछ इतना सीधा नहीं होगा, जम कर उठा पटक या लेंनदेंन होने की पूरी संभावना है.  हो सकता है कोई तीसरा ही बन जाये पाकिस्तान का अगला PM.


पाकिस्तान: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को साइफर केस में 10-10 साल की सजा सुनाई गई है.

इस केस में: साइफ़र को सार्वजनिक करना आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत अपराध माना गया. अप्रैल 2022 में सरकार गिरने के बाद इमरान खान ने साइफ़र को लेकर अमेरिका के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला था. इमरान खान ने इस केबल को अपनी हर सभा में बहुत उछाला था

इस मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने आज यह फैसला सुनाया है। इमरान खान इस समय रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं और वहीं पर इस मामले में फैसला सुनाया गया। विशेष अदालत के इस फैसले को इमरान खान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जो अभी भी चुनाव लड़ने का सपने  देख रहे थे। अब 10-10 साल जेल की सजा के बाद अब इन दोनों के ही चुनाव लड़ने का रास्‍ते  बंद हो गये हैं।


अभी भी सभी दरवाजे बंद नहीं हुए हैं, अभी वे उच्च न्यायलय में अपील कर सकते हैं, ध्यान रहे आनेवाले फरवरी में पाकिस्तान में चुनाव हैं, और उनसे उनका चुनाव चिन्ह बल्ला भी ले लिया गया है. 


ट्रम्प की चुनाव में बम्पर जीत: 
क्या फिर से बनेंगे अमेरिका के राष्ट्रपति ?
आयोवा कॉकस के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति  डोनाल्ड ट्रंप ने पहले चुनाव में  एकतरफ़ा जीत दर्ज की है.
मतगणना के दौरान पूर्व राष्ट्रपति ने एकतरफ़ा बढ़त बनाए रखी और मंगलवार की रात को उनकी जीत के बाद, कड़ाके की ठंड में उनके समर्थक इस जीत का जश्न मना रहे थे.
ट्रंप के मुख्य प्रतिद्वंद्वी निक्की हेली, रॉन डेसैंटिस और विवेक रामास्वामी कहीं भी उन्हें चुनौती देते नहीं दिखाई दिए.
उनके प्रतिद्वंद्वी विवेक रामास्वामी ने घोषणा कर दी है कि वो चुनाव से पीछे हट रहे हैं और न्यू हैम्पशर में मंगलवार को ट्रंप का समर्थन करेंगे.

आयोवा में कोई भी 12 पाइंट से ज़्यादा बढ़त नहीं बना पाया था जबकि ट्रंप ने 30 फ़ीसदी के अंतर से बढ़त बनाई और पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज की.
सभी वोटों की गिनती की गई और ट्रंप को 51 फ़ीसदी, डेसैंटिस को 21 फ़ीसदी और हेली को 19 फ़ीसदी वोट मिले.

अमेरिका में आमतौर पर राष्ट्रपति चुनाव में हारने वाले उम्मीदवारों को लोग भूल जाते हैं. हारे हुए उम्मीदवार कभी भी दोबारा कमबैक नहीं कर पाते हैं. ट्रम्प अब अपवाद बन गए हैं.

ट्रंप की जीत में समाज के सभी वर्गों का योगदान लगभग बराबर ही रहा है. उन्हें युवाओं, बुज़ुर्गों, पुरुषों और महिलाओं…सभी का पुरज़ोर समर्थन मिला है. वे धुर दक्षिणपंथी मतदाताओं का वोट लेने में भी सफल रहे हैं जो 2016 में उनसे दूर रहे थे.

नार्थ अमेरिका आयोवा संवाददाता: एंथनी ज़र्चर
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तनाव के बाद अब पाकिस्तान और ईरान अचानक कैसे शांत हो गए?
क्या ईरान का पाकिस्तानी इलाकों पर अटैक सिर्फ एक परिक्षण था, या उसे ये अहसास था की पाकिस्तान पलटकर वार भी कर देगा ?


पाकिस्तान और ईरान की ओर से एक-दूसरे के यहां हमले किए जाने के कारण पैदा हुए तनाव के बीच दोनों देशों ने अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था.

क्या पाकिस्तान ने अपने इलाकों पर हुए हमले का जवाब, भारतीय सर्जिकल स्ट्राइक जैसी स्थिति -कोई दोबारा न करे के दबाव के चलते ईरान जो की उसका मित्र देश है पर पलटकर  हमला सिर्फ दिखाने के लिए किया था ? फिर अब सब शांत कैसे हो गया ?
क्या ईरान के शीर्ष नेता, ईरान के चरों और चल रही लड़ाइयों से कनफयुसन में हैं की किसका साथ दे और किसे धमकाएं। 
ईरान ने दो और देशों पर किया हमला, क्या अपना दबदबा बनाने की कोशिस है ? जहां तक फायर पावर की बात करें तो पाकिस्तान एटॉमिक ताकत से लेस है व् उसकी फायर पावर भी हिंदुस्तान के साथ शुरू से दुश्मनी के चलते ईरान से काफी हद तक बहुत बेहतर है. दूसरी और सिरिआ और इराक अभी तक संभल नहीं सके हैं, तो वहां पर किये गए हमलों का जवाब ईरान को नहीं मिला है. 



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पाकिस्तान : पाक में महगाई की मार, अंडे हुए ४०० रूपए दर्जन के पार 

इमरान: एक तो तुम्हे घबराना नहीं है !


पाकिस्तान में इन दिनों महगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जहां सर्दियों में जहाँ लोग अधिक अंडे खाते हैं, वहीँ अब साधारण अंडा आम आदमी की पकड़ से बाहर हो गया है.
अंडा, प्याज, सब्जियों के भाव  सभी आसमाँन  छु रहे हैं.


मालदीव: एंटी इंडिया हुआ पडोसी मालदीव, क्या होगी भारत के अगली कूटनीति ?



अभी हाल ही में मालदीव के नवनिर्मित राष्ट्रपति ने चीन की 5 दिन की यात्रा के बाद, मालदीव में रुके 88  भारतीय सैनिकों की मौजूदकी के लिए भी तैयार नहीं है व् उन्होंने मालदीव छोड़ने के लिए अल्टीमेटम दे दिया है, पर ये मालदीव भारत के लिए महत्वपूर्ण क्यों है? मालदीव की भौगोलिक स्थिति कुछ ऐसी है कि भारत के आसपास से होने वाले समुद्रिक व्यापार के रस्ते में आता है व् जबसे चीन ने श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह को ९९साल के लिए लीस पर ले लिया है तब से चीन भारत को चरों तरफ से घेरने में लगा है.