विदेशी मीडिया में क्या छप रहा भारत के बारे में ?
वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार बीते साल खालिस्तान समर्थक नेता और अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम कोशिश में भारत की खुफ़िया एजेंसी रॉ शमिल थी. भारत ने ‘निराधार’ बताया है. बयान में कहा गया, “संगठित अपराधियों, आतंकवादियों के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार की ओर से साझा की गई सुरक्षा चिंताओं के बाद भारत सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो मामले की जांच कर रही है. इसे लेकर अटकलें लगाना और ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान देना मददगार साबित नहीं होगा.”
वाशिंगटन पोस्ट में क्या है ?
विदेशी मीडिया के अनुसार अमेरिका में पन्नू की हत्या की कोशिश हुई थी,
किन्तु ये पन्नू है कौन ?
पन्नू का पूरा नाम गुरपतवंत सिंह पन्नू 'सिख फ़ॉर जस्टिस' के संस्थापक और वकील हैं.यह संगठन ख़ुद को मानवाधिकार संगठन बताता है, लेकिन भारत इसे ‘आतंकवादी’ संगठन घोषित कर चुका है.
भारत के गृह मंत्रालय का कहना है कि पन्नू सीमा पार और विदेशी धरती से आतंकवाद की विभिन्न घटनाओं में शामिल हैं
पन्नू ने खालिस्तान की माँग को आगे बढ़ाने के लिए पन्नू ने ‘रेफरेंडम-2020’ अभियान शुरू किया था.
इसके तहत पंजाब और दुनिया भर में रहने वाले सिखों को ऑनलाइन वोट करने के लिए कहा गया था, लेकिन वोटिंग से पहले ही भारत सरकार ने 40 वेबसाइटों को खालिस्तान समर्थक बताकर उन पर प्रतिबंध लगा दिया था.
इसके तहत पंजाब और दुनिया भर में रहने वाले सिखों को ऑनलाइन वोट करने के लिए कहा गया था, लेकिन वोटिंग से पहले ही भारत सरकार ने 40 वेबसाइटों को खालिस्तान समर्थक बताकर उन पर प्रतिबंध लगा दिया था.
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