Election 2024

 लोकसभा चुनाव 2024 

प्रधान मंत्री मोदी ने फिर वाराणसी से नामांकन:
जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रधान मंत्री के नॉमिनेशन के बाद ही कुछ अन्य लोगों का नामांकन स्वीकार किया जा सका है, इलेक्शन कमीशन के काम पर अब भी लोगों को संदेह है, क्योकि जिस तरह से सरकारी तंत्र काम कर रहा है. पिछले कई दिनों से बहुत से लोग नॉमिनेशन के लिए भटक रहे थे किन्तु किसी का भी नॉमिनेशन न तो लिया गया न ही उन्हें कार्यालय के अंदर जाने दिया था. 
आज 14 मई 2024 को प्रधान मंत्री के नॉमिनेशन के बाद ही कुछ ही लोगों के नॉमिनेशन स्वीकार किये गए हैं.

मोदी की नैया अब राम-पाकिस्तान भरोसे: आज भरेंगें परचा 
इंडी गठबंधन पर हमला करते करते अब मोदी जी अपनी भाषा का स्तर बार बार गिराते रहे हैं कभी राम के नाम पर हिन्दू-मुसलमान करते नजर आ रहे हैं कभी पाकिस्तान का नाम लेने से भी नहीं हिचकिचाते, कल बोलै पाकिस्तान पाकिस्तान को चूड़ियां पहना देंगे। अब क्या ये किसी देश के प्रधानमंत्री की सार्जनिक भाषा हो सकती है.

आज गंगा घाट और बाबा कालभैरव की पूजा-अर्चना  या पूजा का फोटो शूट के बाद प्रधानमंत्री लगभग 11 बजे अपना परचा भरने जायेंगे, उनके साथ बीजेपी के कई बड़े नेता मंत्री और NDA गठबंधन के नेता भी हो सकते हैं जिससे परचा भरने के कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाया जा सके. नॉमिनेशन के बाद प्रधानमंत्री बिहार के लिए निकल जायेंगे जहाँ वे रोड शो कर रहे हैं.

मेरा बाप गद्दार है: श्रीकांत शिंदे की किस्मत: प्रियंका चतुर्वेदी 

चुनावी लड़ाई में सभी नेता कभी न कभी अपनी भाषा पर नियंत्रण नहीं रहता और कड़वी ही सही सीधी बात कह डालते हैं जो जनता को थोड़ा अटपटा लगता है 
इसी तरह बोलते हुए प्रियंका चतुर्वेदी भी कुछ ऐसा बोल गई जो बात तो सच है किन्तु उसे इस तरह सीधे सपाट शब्दों में कहना नियमों के अनुसार ठीक नहीं मतलब आप अंधे को अँधा नहीं दिव्यांग कहें जैसा है 

तीसरे चरण का मतदान ख़त्म:
तीसरे चरण के लिए 93 सीटों पर मतदान आज हुआ, ग्यारह राज्यों में था आज चुनाव।
वोटिंग का प्रतिशत काफी हद तक 65 % के ऊपर या आसपास रहा. 
आज गुजरात में प्रधान मंत्री ने भी अपना मतदान किया किन्तु गुजरात में वोटिंग प्रतिशत 2019 में 65 % था जो इस बार 55 % के आसपास रहा अब ये मतदान प्रतिशत क्यों कम रहा, मतदाता क्यों कम कर रहे हैं, इसके पीछे क्या कारण हैं ? एक तो आज गर्मी भी बहुत थी, हो सकता है बहुत से मतदाता अधिक गर्मी के कारन शायद पहले ही सोच के बैठे हैं की आएगा तो मोदी ही, चाहे वे मतदान करें या नहीं।


मध्य प्रदेश में भी 2019 की तुलना में 2024 में लगभग 10% मतदान कम हो रहा है. उत्तर प्रदेश में भी 55  % के आसपास मतदान प्रतिशत रहा है. जबकि उत्तर प्रदेश में तो योगी मोदी फेक्टर के साथ राम मंदिर मुद्दा भी चुनाव पर हावी होना चाहिए था. 
पश्चिम बंगाल, असम की सीटों पर वोटिंग प्रतिशत 70- 75 %के आसपास रहा, यहाँ 2019 की तुलना में ज्यादा गिरावट नहीं है, कारण एक तो लोग मतदान के प्रति जागरूक हैं दूसरा यहाँ का मौसम भी उत्तर भारत की तुलना में मौसम अच्छा बना रहता है, जिससे लोगों को बाहर निकलने में अधिक परेशानी नहीं होती।

राहुल गाँधी रायबरेली से भरेंगें परचा: लड़ेंगें चुनाव 
अभी तक की ख़बरों में राहुल गाँधी पर अमेठी की जनता का इन्तजार अब लगभग समाप्त हुआ, राहुल अब अमेठी से नहीं रायबरेली से लड़ेंगें चुनाव, अमेठी से किसी अन्य नेता (के एल शर्मा ) को चुनाव लड़ाया जायगा, अब स्मृति ईरानी के खिलाफ KL Sharma (कांग्रेस) चुनाव लड़ेंगें।


अमेठी के कांग्रेस कार्यकर्त्ता अब थोड़ा हताश जरूर होंगे क्योकी वे लगातार राहुल से अमेठी से फिर से चुनाव लड़ने की बात पर अड़े थे और मांग कर रहे थे  की इस बार जीत पक्की है, स्मृति को लोग पसंद नहीं कर रहे हैं और कांग्रेस की और से राहुल या प्रियंका को वापस लेन की बात पर जोर दे रहे थे. 
यदि चुनाव विशेषज्ञों की माने तो राहुल को अमेठी से ही चुनाव में उतरना चाहिए था इससे उनके राजनैतिक कद को और मजबूती मिलती, और यदि वे अमेठी से जीतते तो उनका और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोबल आसमान पर होता साथ ही इसके दूरगामी परिणाम उनके पक्ष में देश के वोटरों में जाता।
राजनीति में हवा बनाने का हुनर जिसमें ज्यादा होता है वो फायदे में रहता है, अब राहुल के लिए ये हवा बनाई जाएगी की "भाग गए" -"डर गए" इसका फायदा बीजेपी उठाने की कोशिस करेगी। कांग्रेस को फायदा कम  नुक्सान ज्यादा हो सकता है. 

कौन है?   के.एल.शर्मा  जो अमेठी से लड़ रहे चुनाव:


K. L. Sharma यानी किशोरी लाल शर्मा गांधी परिवार के पुराने करीबी हैं. वह लंबे वक्‍त से रायबरेली में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि भी रह चुके हैं. उनकी गांधी परिवार में पकड़ अच्छी जब भी गांधी परिवार से जुड़े मामलों की बात आती है तो किशोरी लाल शर्मा रायबरेली और अमेठी में महत्वपूर्ण व्यक्ति होते हैं, यानि कांग्रेस पार्टी के सबसे व्यक्ति जो अमेठी और रायबरेली में कोई भी निर्णय ले सकता है.

मूलतः पंजाब राज्‍य के मूल निवासी के एल शर्मा पहली बार 1983 में कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में अमेठी आए थे. वह कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री (दिवंगत) राजीव गांधी के साथ बेहद करीबी रहे. अमेठी में ही रहकर वह पार्टी के लिए मजबू‍ती से काम करते रहे और 1991 में राजीव गांधी के देहांत के बाद वह अमेठी में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम करते रहे. वह अन्य कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते रहे. किशोरी लाल शर्मा ने 1999 में सोनिया गांधी के पहले चुनावी अभियान में अहम भूमिका निभाई थी. गांधी ने पहली बार अमेठी में जीत के साथ संसद में प्रवेश किया था. 

अब यदि के एल शर्मा चुनाव में स्मृति ईरानी को हरा देते हैं तो स्मृति ईरानी का कद तो काफी हद तक कम होगा ही, के एल शर्मा का कद निश्चित रूप से बहुत बढ़ जायेगा जो उन्हें कांग्रेस के साथ देश में भी महत्वपूर्ण भूमिका भी दिला सकता है


19 अप्रैल को पहले चरण के चुनाव EVM से डाले जायेंगें:
कुल सीटें 102 
पहला चरण 

State Name

Total Seat

State Name

Total Seat

State Name

Total Seat

Himachal

00

Rajsthan

12

Lakshdweep

01

Uttarakhand

05

Manipur

02

Mijoram

01

Uttar Pradesh

08

Andmaan nikobar

01

Puduchery

01

Bihar

04

Meghalaya

02

Sikkim

01

Madhy pradesh

06

Jammu & kashmir

01

Asaam

05

chattisgarh

01

Tamilnadu

39

Arunachal Pradesh

02

Maharashtra

05

West bangal

03

Tripura

01

 पहले फेज के होने जा रहे चुनावों में सबसे ज्यादा चुनाव (39 MP की सीटों के लिए) तमिलनाडु में हो रहे हैं. 

इन क्षेत्रों में आज बहुत सी यातायात सुविधाएं सामान्य से कम होने के कारण बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बन सकती है, इसलिए घर से निकलते समय देश में होने वाले चुनावों की तिथियों पर भी नजर रखें। 

आज 19 अप्रैल को 102 कैंडिडेट्स का भाग्य अगले पांच साल के लिए तय हो जायेगा। 

सुप्रीम कोर्ट ने EVM पर हो रही बहस पर बोलते हुवे पर भरोसा करने की सलाह दी है, साथ ही कहा हम जानते हैं बैलट पेपर से होने वाले चुनाव भी पारदर्शी नहीं होते थे.

मायावती का मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण पर टिका चुनाव: फायदा बीजेपी को 
मायावती ने इस बार बीजेपी को पीछे से फायदा देने के लिए सहरानपुर से कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार के वोट काटने के लिए, बसपा से अपना मुस्लिम उम्मीदवार उतर दिया।
मुस्लिम बाहुल्य सीट मानी जाने वाली सहारनपुर लोकसभा का चुनाव हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण पर टिका है। सहारनपुर लोकसभा में 18 लाख 55 हजार 310 वोटर हैं। इसमें मुस्लिमों की संख्या करीब सात लाख और दलित करीब पौने चार लाख है। अभी तक अधिकतर चुनाव में मुस्लिम-दलित फैक्टर चलता रहा है, जिसकी तरफ इनका झुकाव रहा वह जीत की दहलीज तक पहुंचा। हालांकि अन्य बिरादरी का भी जीत में अहम योगदान रहता है। 2019 में बसपा-सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी ने बाजी मारी थी। किन्तु इस बार मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया,अकेले दम पर मायावती किसी भी स्थिति में यहाँ से अकेले सीट निकलने की स्थिति में नहीं है, जिसके पीछे हो सकता है बीजेपी और सरकारी एजेंसियों का दबाव हो। भाजपा से राघव लखनपाल, कांग्रेस से इमरान मसूद और बसपा से माजिद अली प्रत्याशी हैं।
अब यदि मुस्लिम वोटर दो हिस्सों में बटें या थोड़ा भी शिफ्ट हुवे तो इसका सीधा असर बीजेपी के जीत के फार्मूले को और आसान बना देगा। राम फैक्टर के चलते अधिकतर हिन्दू वोट जिसमें SC/ST/OBC समाज के साइलेंट वोटर यदि बीजेपी के पाले में जाते हैं तो बीजेपी पश्चिम उत्तर प्रदेश जो सपा बसपा का गढ़ माना जाता है में भी अच्छा प्रदर्शन करेगी। 

आज शाम 17अप्रैल 24  पहले चरण के चुनाव के लिए प्रचार रुक जायेगा 
आज राहुल गाँधी और अखिलेश यादव दिल्ली के नजदीक नॉएडा में करेंगें साझा रैली।
पश्चिम उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी भी करेंगे रैली, दिखाएंगे दम।  

रामलीला मैदान दिल्ली रविवार: विपक्ष की लोकतंत्र बचाओ रैली 31 मार्च 2024 


राहुल गाँधी: ये चुनाव वोट ले कर सरकार बनाने की कोशिश नहीं है, ये चुनाव भारत के संविधान को बदलने से रोकने के लिए है, ये हमारे बैंक अकाउंट को बंद कर के विपक्ष को कमजोर कर के चुनाव जीतने की कोशिश कर रहे हैं. ये चुनाव नहीं है ये मैच फिक्सिंग जैसा है, ये विपक्ष के नेताओं को ED का प्रयोग करके जेल में डाल कर चुनाव को जीतना चाह रहे हैं. 
मल्लिकार्जुन खड़के: बीजेपी और आरएसएस का गठजोड़ देश के लिए जहर का काम कर रहे हैं, ये भारत के स्वस्थ प्रजातंत्र की हत्या करना चाह रहे हैं, ये लड़ाई देश के लोकतंत्र को बचने की बन गयी हैं. प्रधान मंत्री मोदी चुनाव की समतल जमीन को खोद कर बिगाड़ रहे हैं.
तेजस्वी यादव: प्रधान मंत्री आम आदमी से नहीं मिलते, वे सिर्फ VIP से मिलते हैं. न किसान से मिलेंगे, न मणिपुर की जनता से मिलेंगे, न उन महिलाओं से मिलेंगे जिन पर बीजेपी के गुंडे रेप या अत्याचार करते हैं.

उद्धव ठाकरे : जनता को अब तक ये सिर्फ लगता था की बीजेपी सरकारी संस्थाओं का इस्तेमाल भ्रस्टाचार मिटने के लिए कर रही हैं किन्तु अब ये जनता को भी साफ़ हो गया है की ये सिर्फ देश की संस्थाओं को अपने फायदे के लिए, विपक्ष के नेताओं पर केस लगा कर तोड़ने में कर रही हैं, हर उस नेता को जेल में डाला जा रहा है जो थोड़ा भी इनके खिलाफ बोलता है,उस पर हजारों करोड़ के घोटाले का इल्जाम लगा दिया जाता है, और अगर उसने बीजेपी ज्वाइन कर ली तब ED, सीबीआई भी उसका नाम भूल जाती है.
  

पीएम मोदी ने राष्ट्रपति का किया अपमान- जयराम रमेश

जयराम रमेश ने तस्वीरों के साथ अपने पोस्ट में कहा कि हमारे राष्ट्रपति का अपमान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निश्चित रूप से खड़ा होना चाहिए था। वहीं रामलीला मैदान में इंडिया गठबंधन की रैली में बोलते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि पीएम मोदी राजकीय प्रोटोकॉल के लिए राष्ट्रपति के सम्मान में भी खड़े नहीं हुए और कहा  कि भाजपा का संविधान में विशवास नहीं।  प्रधान मंत्री खुद को संविधान से बड़ा मानते हैं.


बात दरअसल आज श्री लाल कृष्ण आडवाणी जी को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न उनके स्वस्थ ठीक न होने के कारण उनके घर पर ही देने की थी, जिसके लिए देश की राष्ट्रपति मुर्मू के साथ प्रधान मंत्री श्री आडवाणी जी के आवास पर थे किन्तु अवार्ड देते समय PM मोदी खड़े नहीं हुवे, साथ ही राष्ट्रपति मुर्मू साधारण कर्मचारी की तरह खड़ी थी जिसकी फोटो शोसल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसे देख कर लग रहा है की राष्ट्रपति, आडवाणी जी के बगल में खड़ी हैं और प्रधान मंत्री बगल में बैठे हैं, ये प्रोटोकॉल के अनुरूप नहीं है,

बिहार चुनाव:
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाजीपुर सीट से चुनाव न लड़ने के लिए मना लिया है, जो अब तक हाजीपुर से चुनाव लड़ने की ताल ठोक रहे थे, हाल ही में NDA से नाराज पशुपति पारस ने हाजीपुर से चिराग पासवान के सामने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया था. 



पशुपति पारस को हाजीपुर से चुनाव न लड़ने के लिए मनाने से प्रधानमंत्री ने एक तीर से दो शिकार किये हैं, एक तो हाजीपुर के वोटर अब दो गुटों में नहीं बाटेंगे जो पासवान फैमिली के पक्के समर्थक हैं, दूसरा हाजीपुर सीट का  वोट शेयर बढ़ने की वजह से जीतने की संभावना बढ़ जाएगी।
 
महाराष्ट्र चुनाव:

शिव सेना (उद्धव ठाकरे गुट ) ने 17 सीटों के लिए अपने उम्मीसवार घोषित किये। 3 नामों पर अभी भी मंथन जारी है. किन्तु महागठबंधन की अन्य पार्टियों ने ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं की है. महाविकास अगाड़ी में फूट हो गई है, कांग्रेस भी नाराज है, प्रकाश आंबेडकर ने अपने 5 उम्मीदवार उतार दिए हैं.
मुंबई की 6 सीटों में से 4 पर अपने उम्मीदवार उतार कर यह घोषणा कर दी है की वह इन सीटों पर कोई समझौता नहीं करेगी,उद्धव के इस फैसले से कांग्रेस नाराज हो गई है, क्योकी इन सीटों पर कांग्रेस भी दावा कर रही थी. इनमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम की सीट भी है 

मुंबई की सीटों पर कांग्रेस और उद्धव के बीच नहीं बन रही थी सहमति:
 
I.N.D.I.A गुट की पार्टियां शिवसेना (उद्धव गुट) और कांग्रेस के बीच महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग को लेकर कई बैठकें हुईं। इनमें मुंबई की 6 सीटों पर कांग्रेस और उद्धव के बीच सहमति नहीं बन पा रही थी। इस सिलसिले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 22 फरवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान  उद्धव से बात की थी।